विजय ही विजय है

मंगलवार, 4 दिसंबर 2007

गुजरात में विकास युग - भाग- 3

शिक्षा में गुजरात मॉडल
भारत सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के गुजरात माडल की सराहना की है और अन्य राज्यों से भी इसे अपनाने का आग्रह किया है। कन्या केलावरी रथ यात्रा के माध्यम से प्राइमरी प्रवेश 85 से बढ़कर 100 प्रतिशत हो गया है और बीच में स्कूल छोड़ने वालों की संख्या में 34 प्रतिशत से घट कर 3.24 प्रतिशत रह गया है। अब राज्य में कांग्रेसी शासन के बाद से एक लाख अध्यापकों और एक लाख क्लास रूमों की कमी पूरी कर ली गई है और 44000 स्कलों में भी शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो गई है। पिछले 5 वर्षों में उच्च शिक्षा संस्थान तथा तकनीकी/मेडिकल की सीटें दुगुनी हो गयी हैं क्योंकि गुजरात को इन उच्च शिक्षा सुविधाओं से वंचित रखा गया था। विश्वविद्यालयों की संख्या 7 से बढ़कर 17 हो गई है जिसमें प्राइवेट भागीदारी भी शमिल है, जैसे अंबानी, निरमा आदि।

कन्या केलावाड़ी निधि का निर्माण मुख्यमंत्री द्वारा प्राप्त उपहारों की नीलामी से किया गया है तथा 1000 रूपए के विद्यालक्ष्मी बंधपत्र प्रत्येक सरकारी विद्यार्थी को प्रवेश के समय दिए जाते हैं। गांव में पढ़नेवाली कन्याओं को स्‍कूल के लिए नि:शुल्क बस सेवा उपलब्ध कराई जाती है। बेरोजगारों को नि:शुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है और युवाओं को भी अंग्रेजी प्रशिक्षण दिया जाता है। बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा संस्थाएं स्थापित की गई हैं। नेशनल लॉ स्कूल तथा 19 विश्वस्तरीय पाठयक्रम शुरू किए गए हैं जिसमें दूरसंचार, मेरीन इंजीनियंरिंग आदि शामिल हैं।

निवेश के मोर्चे पर सबसे आगे
औद्योगिक मोर्चो पर 2003, 2005, तथा 2007 में तीन शिखर बैठकें हुई थी जिसमें गुजरात में 20 लाख लोगों को रोजगार देने के लिए 666000 करोड़ रूपए के निवेश के लिए 666 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए थे; 2 लाख करोड़ के एक और निवेश प्रस्ताव पर भी हस्ताक्षर किए गए थे। भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणा के अनुसार, सभी राज्यों में से 2006-07 में निवेश के मामले में गुजरात का प्रथम स्थान रहा, जहां कुल निवेश का 25 प्रतिशत निवेश हुआ। गुजरात में औद्योगिक अशांति के कारण कार्य दिनों की क्षति के रूप में सबसे कम 0.9 प्रतिशत थी जबकि इसकी तुलना में राष्ट्रीय औसत 5.25 प्रतिशत है।

गुजरात के 40 लघु और मध्यम दर्जे के बंदरगाह निर्यात-आयात माल का 104 मिलियन टन कार्गो को संभालते हैं जो पूरे भारत का 74 प्रतिशत भाग बनता है। 2003 में श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सबसे बड़े राजमार्ग अहमदाबाद-बड़ोदरा का उद्धाटन किया था। गुजरात के अधिकांश पीएसयू की हानि अब उलट गई है आर इनमें विशाल लाभ हो रहा है। गुजरात 132'/200' फीट रिंग रोड, फ्लाई ओवर, ऑप्टीकल फाइबर में भी तेजी से प्रगति कर रहा है जिससे वह विश्व तथा अन्य कई क्षेत्रों में दूसरे नंबर आने वाला राज्य बन गया है।

सर्वोत्कृष्ट शहरी योजना
साबरमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को सर्वोत्कृष्ट शहरी डिजाइन एवार्ड प्रधानमंत्री के हाथों प्राप्त हुआ था। अहमदाबाद में बीआरटीएस परियोजना पर काम चल रहा है। एएसमसी में स्लम अपग्रेडेशन प्रोग्राम को संयुक्त राष्ट्र संघ से अंतर्राष्ट्रीय एवार्ड मिला। अब गुजरात में मल्टीप्लेक्स, सुपरमाल और 15 फाइव स्टार होटलों की बाढ़ सी आ गई है।

अपवंचितों का विकास
किसानों, गरीबों और अपवंचित लोगों के लिए उनहें अनाज, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार देने के लिए बहुत सारे उपाय किए गए हैं। उन सभी का यहां वर्णन करना संभव नहीं है। परंतु, हाल में मुख्यमंत्री ने 185 लाख लोगों के लिए 39000 करोड़ रूपए के तीन मेगा पैकेज समर्पित किए थे जो 11वीं योजना में कुल 37 प्रशित जनसंख्या के लिए इस प्रकार हैं:
1- 60 लाख सागरखेड़ू (मछुआरे, खारवा, अगावियास आदि) के लिए 11000 करोड़ रूपए का पैकेज
2- 75 लाख वन बंधुओं (आदिवासी) के लिए 15000 करोड़ रूपए और
3- 50 लाख शहरी गरीबों के लिए 13000 करोड़ रूपए।

गुजरात पहला राज्य है जिसने अपवंचित तथा गरीब लोगों के लिए इतने समन्वित रूप में उपाय किए हैं।

क्षेत्रीय असंतुलन की समाप्ति
गुजरात ने 1 लाख करोड़ रूपए से अधिक की 11वीं योजना को 11 प्रतिशत विकास दर के साथ स्वीकार किया। योजना आयोग ने गुजरात के लिए 11 प्रतिशत विकास दर निश्चित की जो अन्य राज्यों से कहीं अधिक है, जबकि भारत की विकास दर 9 प्रतिशत निश्चित हुई है। गुजरात ने फिर इसे स्वीकार किया। गुजरात ने अपने राज्य से क्षेत्रीय असंतुलन समाप्त करने की एक और चुनौती भी स्वीकार की जिसके लिए विशेष रूप से 30 पिछड़े जिलों के लए उपाय किए गए।

विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन
गुजरात की वित्तीय प्रबंधन देश में सर्वोत्कृष्ट है। पिछले 3 वर्षों में इसका राजस्व अधिक रहा जबकि पिछले 5 वषों से कोई टैक्स बढ़ाया नहीं गया बल्कि 1200 करोड़ रूपए की रियायतें दी गई, स्टांप डयूटी 15 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई, वैट की दर 27 प्रशित रखकर शुरूआत की गई, ऑक्ट्राय शुल्क समाप्त कर दिया गया, वित्तीय संस्थानों के ऋण से 2000 करोड़ रूपए ब्याज की बचत की गई; कच्चे तेल की रायल्टी बढ़ाकर प्रति वर्ष 350 करोड़ रूपए की गई और कोयले की कीमत को घटाकर 125 करोड़ रूपए किया गया - ये सभी कदम गुजरात ने विवेकपूर्ण ढंग से किए। यही देश का एकमात्र राज्य है जिसने राजस्व अधिशेष, वित्तीय घाटे, सार्वजनिक ऋण और गारंटी आदि जैसे सभी लक्ष्य प्राप्त किए हैं।

नेतृत्व
ये तथ्य स्वयं अपनी कहानी कह रहे हैं कि गुजरात ने नवीन खोजें तथा पहल करके अपनी विकास रणनीति तैयार की और इस प्रकार गुजरात ने राज्य की प्रगति तथा लोगों के कल्याण के लिए लाभकारी परिणाम प्राप्त किए। मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की गरीबों के प्रति उदारता और पूर्व अमरीकी महान राष्ट्रपति श्री जान एफ केनेडी के ग्लोबल विजन का गहन प्रदर्शन किया। हमारे आंकड़े तथा जमीनी हकीकत दर्शाती है कि मुख्यमंत्री ने लोगों के सपनों को साकार करने का प्रयास किया और लोगों का विश्वास जीता है। यही एक ऐसा तथ्य है जिसके कारण उनके नेतृत्व में भाजपा गुजरात चुनाव में विजय प्राप्त करेगी।

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