विजय ही विजय है

बुधवार, 24 अक्तूबर 2007

मोदी सरकार बनाम माकपा सरकार

45 मिनट में गुजरात की सम्पन्नता और गुजराती स्वाभिमान की बाबत अगर आपको कुछ जानना है तो अमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट आदि-आदि पर इंटरनेट खंगालना छोड़िए, मयंक जैन का बनाया वृत्तचित्र 'इंडिया टुमोरो' यानी 'कल का भारत' देख लीजिए। गुजरात में विकास के सोपान किस खूबी से तय किए जा रहे हैं और औद्योगिक, आर्थिक, सांस्कृतिक क्रांति जन-जन को स्वाभिमान के भाव से कैसे भर रही है, मयंक ने इस फिल्म में जहां आंकड़ों से इन तथ्यों को पुष्ट किया है वहीं अपने-अपने क्षेत्र की प्रमुख विभूतियों ने गुजरात सरकार की दूरदृष्टिपूर्ण सोच की तारीफ की है। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम, प्रतिपक्ष के नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी, वाणिज्य मंत्री श्री कमलनाथ, शीर्ष उद्योगपति रतन टाटा, मुकेश अंबानी और कुमारमंगलम बिरला ने गुजरात में पूंजी निवेश को समझदारी भरा कदम कहा है और यह भी कि खुशहाल वातावरण देने में गुजरात का कोई सानी नहीं है।

गत 14 अक्तूबर को नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में विशेष प्रदर्शन के साथ इस वृत्तचित्र की सीडी जारी करते हुए भाजपा अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने गुजरात की मोदी सरकार की प्रशंसा की, उसके कामों, निर्णयों को सर्वहितकारी बताया। गुजरात में दिसम्बर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे ठीक पहले इस वृत्तचित्र का प्रदर्शित होना वहां भाजपा सरकार के प्रचार को और बल ही देगा।

फिल्म की बात करें तो जिस तरह का वातावरण सेकुलरों ने मोदी शासन के विरुध्द अल्पसंख्यकों के मन में बनाया था वह इसके जरिए तार-तार करने की कोशिश की गई है। गुजरात के ही अनेक आम मुस्लिमों ने इस वृत्तचित्र में कहा है कि वे खुद को गुजरात में सुरक्षित महसूस करते हैं और राज्य की प्रगति में हिस्सेदारी कर रहे हैं।

फिल्म में राज्य में तेजी से हो रहे ग्रामीण और औद्योगिक विकास की झलक है तो यह भी बताया गया है कि कैसे मोदी शासन ने इसे आतंक रहित राज्य बनाया है। पिछले कुछ वर्षों से आतंक की कोई बड़ी घटना नहीं घटने दी गई है। इसमें गुजरात की तुलना उन राज्यों, खासकर मार्क्सवादियों के शासन वाले बंगाल से की गई है जहां स्थितियां काबू से बाहर होती रही हैं। सिंगूर और नंदीग्राम और हाल का रिजवानुर्रहमान कांड।

बताया गया है कि कैसे साल के 60 प्रतिशत मानव श्रम दिवस बंगाल में हड़तालों के कारण काम के बगैर गुजरे हैं जबकि, मुकेश अंबानी के शब्दों में, 'गुजरात में पिछले एक साल में रिलायंस ने एक भी मानव श्रम दिवस का घंटा गंवाया नहीं है।' रतन टाटा कहते हैं, 'गुजरात सबसे अधिक प्रगतिशील राज्य है।' कुमारमंगलम बिरला तो मोदी के दमदार नेतृत्व से अभिभूत हैं जबकि केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री कमलनाथ कहते हैं, 'गुजरात को सामने रखकर हम भारत को प्रस्तुत करते हैं।' कुछ समय पहले अमदाबाद में देश-विदेश के शीर्ष उद्योगपति, पूंजी निवेशक और व्यवसायी वायब्रेन्ट गुजरात सम्मेलन में एकत्र हुए थे। इस सम्मेलन के पीछे मुख्यमंत्री मोदी की यही दूरदर्शी सोच थी कि प्रदेश सरकार ओद्यौगिक विकास के लिए जो प्रयास कर रही है उसकी पूरी जानकारी संबंधित वर्ग के लोगों को होनी चाहिए। इसीलिए उन्होंने सबको गुजरात बुलाया था और उनके सामने पूंजी निवेश की असीम संभावनाएं दर्शाई थीं। उद्यमियों ने प्रभावित होकर अरबों रुपए के निवेश की घोषणा की थी और गुजरात को निवेशकों की पहली पसंद बताया था।

वृत्तचित्र में वरिष्ठ राजनेताओं, उद्योगपतियों के अलावा नागरिकों के कथन दिए गए हैं। मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी तो पूरे गुजरात को 'एस.ई.जेङ' (सेज) कहते हैं। एस.ई.जेङ यानी स्प्रीच्यूअलिटी (आध्यात्मिकता), एंटरप्रेन्योरशिप (उद्यमिता) और जिंग (उमंग)।

4 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

जय श्री राम ...आप सही में एक पत्रकार हैं? लगता तो नहीं है

अनुनाद सिंह ने कहा…

भैया ये तो बड़ी दमदार पोस्ट है! मोदी के विरोधियों की बोलती बन्द हो जायेगी। वैसे उनके पास कुछ कहने के लिये नया-वया है या वही पुराना राग-आलाप कर रहें हैं? मुझे तो लगता है कि मोदी विरोधियों के शब्दकोश से 'विकास' शब्द ही गायब हो जायेगा!!

वढ़े चलो!!

sumansourabh.blogspot.com ने कहा…

sanjeev ji, app bharat maata ke sache saput hai yadi app jese 10 log app ka sath de to ye comred kitne din ke mehman rahenge ?

sumansourabh.blogspot.com ने कहा…

sanjeev ji, app bharat maata ke sache saput hai yadi app jese 10 log app ka sath de to ye comred kitne din ke mehman rahenge ?